तेरी हर बात को गंभीरता से लेता हुं ए जिंदगी मैं तो बस तुझे ही जीता हूं दामन भर दू तेरा खुशियों से तेरे सारे गम पी लेता हुं क्या नही कर सकता तेरे लिए अमन तू कहे तो आसमा को सी देता हु
वो कहते है हमे प्यार करने का सलीका नही आता कैसे जीता जाता है दिल यार का तरीका नही आता कैसे किया जाता है बयां इक दिल को इक दिल का हाल कैसे जाता है सुलझाया दिलो के बीच बिछा यह जाल बात है बस दो लफ्जों की बना देते हो पूरी कहानी क्यों बताते हो इसे लवों से, कहो निगाहों की जुबानी बीच भवर में फसी नाव को नजर तट नदी का नही आता वो कहते है हमे प्यार करने का सलीका नही आता कैसे जीता जाता है दिल यार का तरीका नही आता
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