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Showing posts from July, 2020

तू कौन है यहाँ पे

तू कौन है यहाँ पे, यहाँ कौन है तुम्हारा जिससे तू जुड़ा हुआ है, वो कौन है तुम्हारा-२ तू है अंश उसका, जो सदा से है तुम्हारा बाहें पखारे है वो, न तू कर उससे किनारा तेरा सदा से है वो, ये तू भूल न जाना दृढ़ता से तू यह कह दे ,कि मैं हूँ तुम्हारा-२ संसार से जुड़ेगा, तो बन जायेगा आवारा चौरासी में घूमेगा, फिरेगा मारा मारा जग तो नाशवान है, इक वो ही है आधारा उसकी शरण तू हो जा, वो बन जायेगा सहारा-२

बड़े विचित्र हो आप प्रभु

बड़े विचित्र हो आप प्रभु, करते बड़े कमाल खुद ही भवसागर में डाले, खुद ही लेवे संभाल-२ अपना मानता है इस जग को, नादाँ यह इंसान प्रतिक्षण यह बिछड़ रहा, नही इसको अनुमान-२ प्रारब्ध से तो चीजे मिलती, होता इसे गुमान अपनी समर्था समझता है यह, करता बड़ा अभिमान-२ तेरा नही इस जग में कुछ भी, पैसा पदार्थ सम्मान संसार की सेवा करके, ऋण तू दे उतार-२ प्रभु को हरदम याद रखो, वही करेगे बेड़ा पार बार बार तुम कहते रहो, हे मेरे राम हे मेरे राम-२