तू कौन है यहाँ पे

तू कौन है यहाँ पे, यहाँ कौन है तुम्हारा
जिससे तू जुड़ा हुआ है, वो कौन है तुम्हारा-२

तू है अंश उसका, जो सदा से है तुम्हारा
बाहें पखारे है वो, न तू कर उससे किनारा
तेरा सदा से है वो, ये तू भूल न जाना
दृढ़ता से तू यह कह दे ,कि मैं हूँ तुम्हारा-२

संसार से जुड़ेगा, तो बन जायेगा आवारा
चौरासी में घूमेगा, फिरेगा मारा मारा
जग तो नाशवान है, इक वो ही है आधारा
उसकी शरण तू हो जा, वो बन जायेगा सहारा-२

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